शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

प्रॉपर्टी - लघुकथा

प्रॉपर्टी

"अभी आ रही हो, इतनी रात गए कहाँ थी तुम?"
"मैं तुम्हारी प्रॉपर्टी नहीं जो तुम मुझपर बन्धन लगाओ"
"प्रॉपर्टी कैसे नहीं, तुम्हारे पिता ने तुम्हे दान दिया है मुझे। तुम्हारे प्रति जिम्मेदारी है मेरी"
"अब भूल जाओ, कोर्ट ने धारा 497 हटाते हुए कहा है कि पत्नी पति की प्रॉपर्टी नहीं"
"हम्म"
"सुनो, कल तुम मेरे साथ चलना। पड़ोस में जो नया आदमी आया है, मुझे अजीब नजरों से घूरता है। तुम्हे मेरा साथ देखेगा तो डरेगा"
"रक्षा तो अपनी प्रॉपर्टी की की जाती है"
-ऋता

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