कैसे बिगाड़ूँ...
एक बार परमनारायण विष्णु एवं ब्रह्मा जी के सुपुत्र नारद जी भ्रमण के लिए
पृथ्वीलोक पधारे| पृथ्वी पर पूजा-पाठ की कमी नहीं थी| हर ओर विष्णु-लक्ष्मी और शिव
की पूजा-अर्चना चल रही थी|घर-घर में ‘ओम् जय लक्ष्मी माता एवं ओम् जय जगदीश हरे’ की आरती हो रही थी|क्या अमीर,
क्या गरीब ,सभी पूजा में लिप्त थे| विष्णु भगवान यह सब देख-देख कर प्रसन्न हो रहे
थे| खुश होकर उन्होंने सिक्कों से भरी एक थैली एक धनवान सेठ के यहाँ रख दिया| उसके
बाद एक गरीब के घर से गुजरे| यहाँ पर उन्होंने उस गरीब को सिर्फ आशीर्वाद दे दिया|
नारद मुनि को यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी|जो पहले से ही धनवान है उसे ही और
धन किसलिए, जबकि धन की आवश्यकता तो गरीब को थी| आखिर उन्हें नहीं समझ में आया तो
उन्होंने विष्णु जी से पूछ ही लिया| विष्णु जी के मुख पर मंद मुसकान छा गई| उस
वक्त वे कुछ नहीं बोले और आगे बढ़ गए| चलते-चलते जब थक गए तो एक स्थान पर रुक गए|
वहाँ पर बैठने के लिए कुछ नहीं था| विष्णु भगवान ने नारद जी को आदेश दिया कि बैठने
के लिए कहीं से ईंट लेकर आएँ| नारद जी ईंट की खोज में निकले| कुछ दूर जाने पर
उन्हें दो कुएँ मिले| एक कुआँ बहुत सुन्दरता से बना हुआ था, उसकी मुँडेर अच्छी बनी
हुई थी| दूसरा कुआँ थोड़ा टूटा-फूटा था|मुँडेर पर जगह जगह पर ईंट निकली हुई थी|
नारद मुनि ने टूटे कुएँ से ईंट निकाली और बैठने के लिए ले आए| अब इत्मिनान से
दोनों बैठ गए| विष्णु भगवान ने पूछा कि टूटे कुएँ से ही उन्होंने ईंट क्यों
निकाला| नारद जी ने कहा-‘अच्छे कुएँ से ईंट निकालने का मन नहीं हुआ,वहाँ से ईंट
निकलते ही उस कुएँ की सुन्दरता खराब हो जाती| टूटे कुएँ से एक ईंट और निकल गया तो
क्या हुआ|’
अब विष्णु भगवान ने कहा कि तुमने मुझसे जो प्रश्न किया था उसका उत्तर तुम्हे
मिल गया| बनी-बनाई चीज को हानि पहुँचाने से पहले हमें भी सोचना पड़ता है| नारद जी
ने फिर कुछ नहीं कहा|
ऋता शेखर ‘मधु’
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...
कितनी बड़ी बात समझा गए भगवन...
सस्नेह
अनु
बहुत सुन्दर और सटीक... ऋता
जवाब देंहटाएंसकारात्मक संदेश देती बढिया लघुकथा
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
सारगर्भित सन्देश
जवाब देंहटाएंबढ़िया कथा .... पर क्या जो अच्छा न हो तो उसे नहीं सुधारना चाहिए ?
जवाब देंहटाएंयही मैं भी जानना चाहती हूँ...भगवान धनी को ही धनी बनाते जाएँगे तो गरीबों का क्या होगा?
हटाएंबहुत सुन्दर संदेश ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संदेश...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक संदेश,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST,,,,मेरे सपनो का भारत,,,,
सारगर्भित संदेश देती उत्कृष्ट लघु कथा,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST - मेरे सपनो का भारत
कई दिनों बाद आना हुआ आपके ब्लॉग पर ...सभी रचनाएं अच्छी लगीं
जवाब देंहटाएंkarm karo tab phal paaoge ...
जवाब देंहटाएंwaah kitni sundar baat ...
prabhavi laghu katha ...
आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा...
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