बुधवार, 12 दिसंबर 2012

दिव्य उपहार कवच कुण्डल का कर्ण ने दे दिया दान - ऋता


Catch   My Post


June
13 / 2012

published


Catch My Post पर मैंने यह कविता पोस्ट किया था| बीच में मैं पासवर्ड भूल गई थी इसलिए इसका पेजहिट्स नहीं देख पा रही थी|
थोड़ी कोशिशों के बाद आज यह खुल गया तो अपना अकाउंट चेक किया...कितने हिट्स मिले हैं इसे आप भी देख लीजिए|
1st January को इसे इस ब्लॉग पर भी पोस्ट कर चुकी हूँ, साल के अन्त में आज फिर से पोस्ट कर रही हूँ|

ऋता







































































Posted by: ऋता in हिंदी कविता Print PDF
Tagged in: SPL DAY

कल विश्व रक्तदान दिवस है|प्रस्तुत है एक कविता...

महादान

रखना था वचन का मान
दिव्य उपहार कवच- कुण्डल का
कर्ण ने दे दिया दान|

लोक हित का रखा ध्यान
दधिची ने दिया अस्थि- दान
शस्त्र का हुआ निर्माण
हरे गए असुरों के प्राण|
अनोखे दान को मिला स्थान|
दान कार्य जग में बना महान||

विद्यादान वही करते
जो होते स्वयं विद्वान,
धनदान वही करते
जो होते हैं धनवान,
कन्यादान वही करते
जिनकी होती कन्या सन्तान,
रक्तदान सभी कर सकते
क्योंकि सब होते रक्तवान|

रक्त नहीं होता
शिक्षित या अशिक्षत
अपराधी या शरीफ़
अमीर या गरीब
हिन्दू या ईसाई|
यह सिर्फ़ जीवन धारा है,
दान से बनता किसी का सहारा है|

रक्त कणों का जीवन विस्तार
है सिर्फ़ तीन महीनों का|
क्यों न उसको दान करें हम
पाएं आशीष जरुरतमन्दों का|

करोड़ों बूँद रक्त से
निकल जाए गर चन्द बूँद,
हमारा कुछ नहीं घटेगा
किसी का जीवन वर्ष बढ़ेगा|

मृत्यु बाद आँखें हमारी
खा़क में मिल जाएंगी,
दृष्टिहीनों को दान दिया
उनकी दुनिया रंगीन हो जाएगी|

रक्तदान सा महादान कर
जीते जी पुण्य कमाओ
नेत्र सा अमूल्य अंग दान कर
मरणोपरांत दृष्टि दे जाओ|
रक्तदान के समान नहीं
है कोई दूजा दान,
नेत्रदान के समान
है नहीं दूजा कार्य प्रधान|

ऋता शेखर मधु

 3 Comments

मैं फ़ेसबुक पर नहीं हूँ इसलिए वहाँ पर आभार व्यक्त नहीं कर सकती...सभी पाठकों का और अजीत जी, ओजस्वी जी एवं अर्चना जी का आभार !! इस कविता से प्रेरणा लेकर किसी ने भी रक्तदान किया हो उनका नमन !! यहाँ पर कमेन्ट डालने के लिए पेज को थोड़ा scroll कर नीचे जाना होगाः)








11 टिप्‍पणियां:

  1. दान की महिमा को कहती और रक्त दान को प्रेरित करती सुंदर रचना ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहद सशक्‍त रचना ... सार्थकता लिये
    आभार इसे पढ़वाने के लिये

    कुछ अंश दान का भाव यहां भी ...
    http://sadalikhna.blogspot.in/2011/08/blog-post_29.html

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभार लिंक देने के लिए...देखा मैंने, सचमुच बहुत ही प्रेरक रचना है !!

      हटाएं
  3. बहुत बढ़िया ..सार्थक रचना ऋता जी..
    बधाई स्वीकारें.
    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  4. अहम पोस्ट
    काश लोगों तक संदेश पहुंचे

    ( वैसे सिर्फ जानकारी के लिए मैं हर साल 18 अप्रैल को अपनी बड़ी बेटी के जन्मदिन पर रक्तदान करता हूं, ये सिलसिला 1997 से चल रहा है)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत अच्छा लगा जानकर...किसी के लिए कुछ करने की भावना जीवन को सार्थकता की ओर ले जाती है|

      हटाएं
  5. एक शंदेश देती उम्दा रचना.
    मेरी नई कविता आपके इंतज़ार में है: नम मौसम, भीगी जमीं ..

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है...कृपया इससे वंचित न करें...आभार !!!