लघुकथा....
सुरेश बाबू दफ्तर की फ़ाइल लिए सवेरे फटाफट सीढ़िया उतरने
लगे...देर जो हो रही थी...तभी माँ की पुकार सुनाई पड़ी...उल्टे पाँव
वापस आ गए माँ के पास|
चलने फिरने से लाचार अशक्त वृद्धा ने आँखों में आँसू भरकर कहा-
मुझे नाश्ता करवाकर जाया करो बेटा...और हर तरह से समृद्ध सुरेश
बाबू स्तब्ध रह गए|
.
ऋता
सुरेश बाबू दफ्तर की फ़ाइल लिए सवेरे फटाफट सीढ़िया उतरने
लगे...देर जो हो रही थी...तभी माँ की पुकार सुनाई पड़ी...उल्टे पाँव
वापस आ गए माँ के पास|
चलने फिरने से लाचार अशक्त वृद्धा ने आँखों में आँसू भरकर कहा-
मुझे नाश्ता करवाकर जाया करो बेटा...और हर तरह से समृद्ध सुरेश
बाबू स्तब्ध रह गए|
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ऋता
आपकी लिखी रचना बुधवार 09 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
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