रश्मि प्रभा |
पुस्तक का नामः महाभिनिष्क्रमण से निर्वाण तक
विधाः कविता
कवयित्री- रश्मि प्रभा
पृष्ठः 96
मूल्यः रु 150
प्रकाशकः हिंद युग्म, नई दिल्ली
रश्मि प्रभा का नाम इंटरनेट की दुनिया के लेखकों-पाठकों के लिए नया नहीं है। रश्मि उन बहुत थोड़े लोगों में से हैं, जिन्होंने इस आभासी दुनिया का बहुत रचनात्मक इस्तेमाल किया है। ये थोड़े लोग ही किसी माध्यम विशेष की प्रासंगिकता को चिन्हित करते हैं। हर कवि लिखते-लिखते एक समय अपनी एक खास शैली विकसित कर लेता है। प्रस्तुत संग्रह में रश्मि अपने पूर्णतया मौलिक स्वर एवं शैली के साथ मौजूद हैं। इनकी कविताओं का झुकाव कुछ हद तक आध्यात्मिक है और इस संग्रह की लगभग हर कविता में यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विद्यमान है।
सिद्धार्थ के महाभिनिष्क्रमण की कहानी का मुख्य पात्र यधोधरा है। रश्मि ने 'सिद्धार्थ ही होता' कविता के माध्यम से किसी सिद्धार्थ के बुद्ध होने की प्रक्रिया में उसकी यशोधरा की भूमिका को रेखांकित किया है। रश्मि की यह नवीन दृष्टि ही इनके लेखन को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करती है। असल में रश्मि के काव्य-साहित्य की एक बहुत खास बात यह भी है कि इसमें पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्र नये अर्थों के निकस पर कसे जाते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इस कारण ही रश्मि की कविताएँ प्राचीन मान्यताओं, परंपराओं एवं प्रवृत्तियों पर नये तरह से विमर्श करने का सामर्थ्य रखती हैं।
रश्मि अपनी कुछ कविताओं में पुरुषवादी प्रवृत्तियों से मध्यमवर्गीय स्त्री की भाँति सवाल करती नजर आती हैं। 'महिला दिवस' के नाम पर पुरुषवादी मानसिकता द्वारा किए जाने वाले छल को उजागर करती हैं। 'पुरुष और स्त्री' कविता में एक दार्शनिक की तरह इन दो मानसिकताओं का फर्क समझाती हैं। कुल मिलाकर रश्मि की कविताओं में बहुत सारे विमर्श हैं, बहुत से सवाल हैं, कुछ समाधान भी हैं और इनसे भी अधिक लगातार असंवेदनशील होते जा रहे मनुष्य को सचेत करने के प्रयास हैं। मैं समझता हूँ कि पाठक इन्हें हृदय से स्वीकारेंगे।
शैलेश भारतवासी
संपादक, हिंद युग्म
महाभिनिष्क्रमण से निर्वाण तक पुस्तक की सुंदर समीक्षा के लिए बधाई,,,,,
जवाब देंहटाएंइसमें कोई शक नही.... "रश्मी जी" एक बेहतरीन रचनाकार कवियित्री है,.......
my recent post....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार ||
रश्मि जी की रचनाएँ कहीं गहरे उतरती हैं..... यक़ीनन वे हिन्दी साहित्य जगत की सशक्त हस्ताक्षर हैं
जवाब देंहटाएंरश्मि दी को ढेरों शुभकामनाएँ....
जवाब देंहटाएंआपका बहुत शुक्रिया ऋता जी.
सस्नेह.
महाभिनिष्क्रमण से निर्वाण तक पुस्तक की सुंदर समीक्षा के लिए बधाई, "रश्मी जी" एक बेहतरीन रचनाकार कवियित्री है,और साहित्य जगत में उनका योगदान अतुलनीय है .आभार.
जवाब देंहटाएंरश्मि दी को पुस्तक के प्रकाशन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ !!!
जवाब देंहटाएंसबका शुक्रिया ... इस मंजिल के सहयात्री आप सब हैं
जवाब देंहटाएंरश्मि जी पुस्तक महाभिनिष्क्रमण से निर्वाण तक की सुंदर समीक्षा के लिए ऋता बहुत बहुत बधाई,,,,रश्मि जी को भी पुस्तक के प्रकाशन हेतु मेरी तरफ से भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ !!!
जवाब देंहटाएंबहुत सशक्त समीक्षा की है आपने रश्मि जी की पुस्तक की उनकी लेखनी के साथ सही न्याय किया है आपने आप दोनों को हार्दिक बधाई
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