सुबह सुबह
अलसाई सी आवाज़
मम्मा, आज कौन सा डे है
आज सन्डे है,अभी सो जाओ
वो वाला डे नहीं
स्पेशल वाला डे
ओ,अभी मालूम नहीं
सर्च करके बताती हूँ
डे डे डे
हर दिन मनता
कोई न कोई 'डे'
डे मनाने के पीछे
मानसिकता होती है
उसे बढ़ावा देने की
या उससे निजात पाने की
अर्थात् हर ''डे''
उनके नाम
जो आते हैं
''निरीह' की श्रेणी में
'विमेन्स डे'
महिला मतलब निरीह
'डाटर्स डे'
बेटियाँ मतलब निरीह
'मदर्स डे'
यह भी महिला
सम्माननीय
'चिल्डरेन्स डे'
बच्चों को
संरक्षण की आवश्यकता
'एनवायरोन्मेंट डे'
पर्यावरण भी
इंसानो के कारनामों से
बन गया निरीह
आजकल हँसने की गुंजाइश नहीं
निरीह हँसी के लिए
''लाफ्टर्स डे''
प्यार जताने का समय नहीं
'वैलेन्टाइन्स डे' है ना!
बच्चों को बचाना है
खतरनाक श्रम से
'चाइल्ड लेबर डे'
एक दिन की बैठक
फिर बच्चे वहीं के वहीं
चौकलेट डे
स्लैप डे
हग डे
रोज़ डे
टेड्डी डे
फ्रेंडशिप डे
मतलब डे ही डे
चौकलेट डे
स्लैप डे
हग डे
रोज़ डे
टेड्डी डे
फ्रेंडशिप डे
मतलब डे ही डे
पुरुष होते बलवान
इसलिए है नहीं
कोई भी डे
उनके नाम
किन्तु जब बनते
पति और पिता
वे भी होते निरीह
अर्थात्
'हस्बेन्ड्स डे'
'फादर्स डे'
:):):)
ऋता शेखर 'मधु'
Have a Good Day....
जवाब देंहटाएंMeri taraf se bhi... :)
kamaaaaaaaaaaaaaaal
जवाब देंहटाएंक्या खूब लिखा है मगर सच लिखा है।
जवाब देंहटाएंजल्दी ही लगता है एकांत डे भी शुरू हो जायगा .... अगर कोई दिन बचा होगा तब ... अच्छी रचना है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंवाह ऋता जी ...
जवाब देंहटाएंक्या रिसर्च की है..............
माँ गए..
बहुत खूब..
:-)
अरे वाह:...डे.डे क्या खूब लिखा..जोभी लिखा एक दम सही लिखा...कभी अपना डे भी होना चाहिए..
जवाब देंहटाएं:):) अच्छा शोध किया है ....
जवाब देंहटाएंBahut Badhiya....
जवाब देंहटाएंsolah aane sach .....!!:)))
जवाब देंहटाएंbahut badhia likha hai ...!!
shubhkamnayen ...!!
बहुत सुंदर रचना,..अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई,......
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,
हेव अ ग्रेट डे!
जवाब देंहटाएंकाफी अच्छा!