शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

राशिफल - लघुकथा

राशिफल

सुबह के पाँच बजे से सुनंदा की दिनचर्या शुरू हो जाती। सबसे पहले बच्चों के मनपसन्द नाश्ते और लंच बनाती। उन्हें पैक करती। उधर बच्चे स्कूल के लिए स्वयं तैयार हो जाते। इतना करते हुए छह बज जाते और पतिदेव सुरेश भी तबतक उठकर चाय की फरमाइश कर देते। सास, ससुर और पति के लिए वह एक साथ ही चाय बनाती। इस दौरान उसके कान बालकनी की तरफ लगे रहते जहां गोल गोल मुड़ा ,नन्ही रस्सी में बंधा अखबार 'टप' से गिरता और वह दौड़ लगाकर बालकनी में पहुँच जाती क्योंकि एक बार अखबार पतिदेव के हाथ लगी तो मिलने से रही।
जल्दी जल्दी तीन चार पन्ने पलटती, कुछ पढ़ती और वापस अखबार मेज पर रखकर रसोई में लौट जाती। ऑफिस जाने के समय पति जब बाहर निकलने लगे तो सुनंदा ने धीरे से कहा,"आज वाणी और क्रोध पर नियंत्रण रखना उचित रहेगा। ऐसा आपकी राशि में लिखा है।"
पति के क्रोधी स्वभाव से वह हमेशा सशंकित रहती थी।सुनंदा की ओर कड़ी नजर से देखकर सुरेश चले गए।
"बहु, राशिफल में आज धनप्राप्ति का भी योग है, ये क्यों नहीं बताया सुरेश को" , सास ने अखबार पढ़ते हुए पूछा।
सुनंदा मुस्कुराकर चुप रह गई।
शाम को सुरेश घर आये तो बहुत खुश थे। आते ही माँ को बताया," आज मुझे एक नई प्रोजेक्ट मिली है"
"बेटा, आज के राशिफल में यह भी लिखा था जिसे सुनंदा ने नहीं बताया।"
"माँ, आज ऑफिस जाते ही बॉस किसी बात पर उलझ गया। मैं भी उससे बड़ी बहस करना चाह रहा था तभी सुनंदा की बात याद आ गई और मैन धैर्य से काम लिया।उसके बाद बॉस ने वह प्रोजेक्ट मुझे ही देने का फैसला किया"
"अरे वाह !" कहती हुई सास ने बहु को हल्की मुस्कान के साथ देखा
"धनप्राप्ति से अधिक महत्वपूर्ण व्यवहार पर नियंत्रण है, मान गए तुम्हारी सोच को बहु।"
"जी" कहकर सुनंदा ने मेज पर गरम गरम चाय और पकौड़े रख दिये।
-ऋता

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