वह सिर्फ एक ही हैं जिनमें सभी दिवस समाहित हो रहे...
सभी दिवसों के लिए एकमेव शुभकामनाएँ 💐💐💐💐💐
आज पितृदिवस है....सूर्य से बड़ा पिता कौन
आज योग दिवस है.... सूर्य नमस्कार से बड़ा योग कौन
आज सूर्यग्रहण है...इसे बड़ी खगोलीय घटना कौन
सभी दिवसों के लिए एकमेव शुभकामनाएँ 💐💐💐💐💐
आज पितृदिवस है....सूर्य से बड़ा पिता कौन
आज योग दिवस है.... सूर्य नमस्कार से बड़ा योग कौन
आज सूर्यग्रहण है...इसे बड़ी खगोलीय घटना कौन
आज रविवार है...सूर्य भगवान का दिन
पिता के समान ऊर्जादायक सूर्य को बारम्बार नमस्कार है 🙏🙏🙏🙏
सूर्य नमस्कार योग बारह आसनों में पूर्ण होता है|
पिता के समान ऊर्जादायक सूर्य को बारम्बार नमस्कार है 🙏🙏🙏🙏
सूर्य नमस्कार योग बारह आसनों में पूर्ण होता है|
सभी आसनों के लिए अलग अलग मंत्र हैं, जिसे संकलित किया है|
१.प्रणाम आसन
उच्चारण : ॐ मित्राय नमः
अर्थ: सबके साथ मैत्रीभाव बनाए रखता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
२.हस्तउत्थान आसन।
उच्चारण: ॐ रवये नमः।
अर्थ: जो प्रकाशमान और सदा उज्जवलित है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
३.हस्तपाद आसन
उच्चारण: ॐ सूर्याय नम:।
अर्थ: अंधकार को मिटाने वाला व जो जीवन को गतिशील बनाता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
४. अश्व संचालन आसन
उच्चारण: ॐ भानवे नमः।
अर्थ: जो सदैव प्रकाशमान है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
५.दंडासन
उच्चारण: ॐ खगाय नमः।
अर्थ: वह जो सर्वव्यापी है और आकाश में घूमता रहता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
६.अष्टांग नमस्कार
उच्चारण: ॐ पूष्णे नमः।
अर्थ: वह जो पोषण करता है और जीवन में पूर्ति लाता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
७.भुजंग आसन
उच्चारण: ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
अर्थ: जिसका स्वर्ण के भांति प्रतिभा / रंग है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
८.पर्वत आसन
उच्चारण: ॐ मरीचये नमः।
अर्थ: वह जो अनेक किरणों द्वारा प्रकाश देता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
९.अश्वसंचालन आसन
उच्चारण: ॐ आदित्याय नम:।
अर्थ: अदिति (जो पूरे ब्रम्हांड की माता है) का पुत्र है|
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
१०.हस्तपाद आसन
उच्चारण: ॐ सवित्रे नमः।
अर्थ: जो इस धरती पर जीवन के लिए ज़िम्मेदार है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
११.हस्तउत्थान आसन
उच्चारण: ॐ अर्काय नमः।
अर्थ: जो प्रशंसा व महिमा के योग्य है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
१२.ताड़ासन
उच्चारण: ॐ भास्कराय नमः।
अर्थ: जो ज्ञान व ब्रह्माण्ड के प्रकाश को प्रदान करने वाला है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
१.प्रणाम आसन
उच्चारण : ॐ मित्राय नमः
अर्थ: सबके साथ मैत्रीभाव बनाए रखता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
२.हस्तउत्थान आसन।
उच्चारण: ॐ रवये नमः।
अर्थ: जो प्रकाशमान और सदा उज्जवलित है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
३.हस्तपाद आसन
उच्चारण: ॐ सूर्याय नम:।
अर्थ: अंधकार को मिटाने वाला व जो जीवन को गतिशील बनाता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
४. अश्व संचालन आसन
उच्चारण: ॐ भानवे नमः।
अर्थ: जो सदैव प्रकाशमान है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
५.दंडासन
उच्चारण: ॐ खगाय नमः।
अर्थ: वह जो सर्वव्यापी है और आकाश में घूमता रहता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
६.अष्टांग नमस्कार
उच्चारण: ॐ पूष्णे नमः।
अर्थ: वह जो पोषण करता है और जीवन में पूर्ति लाता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
७.भुजंग आसन
उच्चारण: ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
अर्थ: जिसका स्वर्ण के भांति प्रतिभा / रंग है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
८.पर्वत आसन
उच्चारण: ॐ मरीचये नमः।
अर्थ: वह जो अनेक किरणों द्वारा प्रकाश देता है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
९.अश्वसंचालन आसन
उच्चारण: ॐ आदित्याय नम:।
अर्थ: अदिति (जो पूरे ब्रम्हांड की माता है) का पुत्र है|
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
१०.हस्तपाद आसन
उच्चारण: ॐ सवित्रे नमः।
अर्थ: जो इस धरती पर जीवन के लिए ज़िम्मेदार है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
११.हस्तउत्थान आसन
उच्चारण: ॐ अर्काय नमः।
अर्थ: जो प्रशंसा व महिमा के योग्य है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
१२.ताड़ासन
उच्चारण: ॐ भास्कराय नमः।
अर्थ: जो ज्ञान व ब्रह्माण्ड के प्रकाश को प्रदान करने वाला है।
(संकलन-ऋता शेखर मधु)
वाह! अति उत्तम!!!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया विश्वमोहन जी !
हटाएंसुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सुशील जी !
हटाएंयोगदिवस और पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।
जवाब देंहटाएंआपको भी शुभकामनाएँ !!
हटाएंबढ़िया जानकारी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !!
हटाएंबढ़िया पोस्ट
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कल्पना जी !
हटाएंबढ़िया पोस्ट सुंदर लाभकारी जानकारी ,सूर्य देव को नमन ,धन्यवाद आपका
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ज्योति जी !!
हटाएंबहुत बढ़िया। अच्छी जानकारी मिली।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जेन्नी जी !
हटाएंएक सार्थक प्रश्न के साथ अच्छी जानकारी है
जवाब देंहटाएंhttps://yourszindgi.blogspot.com/2020/06/blog-post_18.html?m=0
धन्यवाद भरत जी !
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