पृथ्वी दिवस
यह सबकी प्रिय वसुन्धरा है
सजाया जहाँ सबने बसेरा है
सुन्दर सुकुसुमित सुवासित
रंगीन सजीली हरी धरा है
कलकल बहती नदियाँ जहाँ हैं
चहचह करते पक्षी वहाँ हैं
आज सब खतरे में पड़ा है
सब हमारा ही किया धरा है
काट जंगलों को हमने ही
धरती को वीरान किया है
पृथ्वी गर्म तवा बनी है
वायु विषाक्त होने लगा है
गंदगी समेट समेट नदियाँ भी
रुक रुक कर बहने लगी हैं
न हवा शुद्ध न जल है शुद्ध
पर्यावरण हो गया है अवरुद्ध
ईश्वर ने दिया हवा पानी भरपूर
अपनी करनी से हो रहे हम
प्रकृति से प्रतिदिन दूर ही दूर
पृथ्वी ने संजोए हैं
पत्थर भी हरियाली भी
पत्थर का कुछ न बिगड़ेगा
हरियाली रूठ चली जाएगी
पछताने से कुछ न मिलेगा
ज़िन्दगी सिर्फ़ आँसू बहाएगी
एक शपथ लें सब मिल आज
वृक्षारोपण ही हो एकमात्र काज
संरक्षित करें पशु पक्षी और वन
प्रदूषण मुक्त करें नदी और पवन|
ऋता शेखर ‘मधु’
एक शपथ लें सब मिल आज
जवाब देंहटाएंवृक्षारोपण ही हो एकमात्र काज
संरक्षित करें पशु पक्षी और वन
प्रदूषण मुक्त करें नदी और पवन|
...सार्थक सन्देश देती बहुत सुन्दर रचना..अगर हम प्रकृति से खिलवाड बंद नहीं करेंगे तो प्रकृति हमें कभी माफ नहीं करेगी.
सन्देश प्रसारक पोस्ट .हम ही तो हैं इस विनाश का कारण।आभार ।
जवाब देंहटाएंbahut hi sarthak rachna...
जवाब देंहटाएंएक शपथ लें सब मिल आज
जवाब देंहटाएंवृक्षारोपण ही हो एकमात्र काज
संरक्षित करें पशु पक्षी और वन
प्रदूषण मुक्त करें नदी और पवन|...मैंने कसम ली
एक शपथ लें सब मिल आज
जवाब देंहटाएंवृक्षारोपण ही हो एकमात्र काज
mane bhii ksam lii
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन प्रेरक रचना,...
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
पछताने से कुछ न मिलेगा
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी सिर्फ़ आँसू बहाएगी
सच है .... समय रहते सचेत होना होगा.....
बहुत सुंदर ऋता जी...........
जवाब देंहटाएंचेतना जगाती रचना...............
सस्नेह.
बहुत बढिया रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत कविता है दीदी!!
जवाब देंहटाएंएक शपथ लें सब मिल आज
जवाब देंहटाएंवृक्षारोपण ही हो एकमात्र काज
संरक्षित करें पशु पक्षी और वन
प्रदूषण मुक्त करें नदी और पवन| ..
सार्थक लेखन ... सच्मुश जीवन बचाना है तो ये शपथ सब कों लेनी पढेगी ... लाजवाब सन्देश है इस रचना में ...
पत्थर का कुछ न बिगड़ेगा
जवाब देंहटाएंहरियाली रूठ चली जाएगी
पछताने से कुछ न मिलेगा
ज़िन्दगी सिर्फ़ आँसू बहाएगी
हमें प्रकृति का सम्मान करना ही होगा तभी हमारा अस्तित्व सुरक्षित रह सकेगा।