मंगलवार, 14 मई 2013

शिव विवाह



शिव विवाह

विवाह की रस्म
बदन पर भस्म
सिर पर जटा
अलबेली छटा
दहकते भाल
कमर में छाल
सर्प का हार
बैल पर सवार

ऐसो सिंगार कियो शिव ने
परछावन को आह्लादित माता
जहरीली फुफकार पर
विस्फरित नयनों से
मूर्छित हुई जाती है|

बराती बन चले
भूत-बिच्छु-प्रेत
करें गज़ब का शोर
अज़ब बोल समेत
खड़काते करताल
डराते काल कपाल

विधि ने रच दियो विधान
देख सजावट ऐसो अनोखी
सोलह श्रृंगारित पार्वती
मुग्ध नयनों से निहार
सम्मोहित हुई जाती है|

..............ऋता शेखर मधु

4 टिप्‍पणियां:

  1. विधि ने रच दियो विधान
    देख सजावट ऐसो अनोखी
    सोलह श्रृंगारित पार्वती
    मुग्ध नयनों से निहार
    सम्मोहित हुई जाती है|.. बहुत सुन्दर्...

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बुधवार (15-05-2013) के "आपके् लिंक आपके शब्द..." (चर्चा मंच-1245) पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. बहुत मनभावन अभिव्यक्ति...

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