गुलामों की भीड़
जिलाधिकारी महोदय के करीबी मित्र कवि थे और शहर में कविता पाठ
करना चाहते थे। इसके तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और भीड़ जुटाने की
जिम्मेदारी जिलाधिकारी महोदय ने ली, आखिर मित्र जो थे।
एक मेसेज टाइप कर सबको S M S किया गया-
" सभी बी एल ओ
को सूचित किया जाता है कि हिंदी भवन में आज शाम 4 बजे मीटिंग है। सबको आना अनिवार्य है। न आने
वालों को " कारण बताओ" नोटिस जारी किया जाएगा।"
खचाखच भरे हॉल में कविता पाठ सुन रही गुलामों की भीड़ "कारण
बताओ (show cause)" से बच जाने के
कारण खुश थी।
-ऋता शेखर 'मधु'
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 'जिंदगी के सफ़र में किशोर कुमार - ब्लॉग बुलेटिन’ में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंआज टीवी पर देखा कि मेरी छोटी बहन अर्चना चावजी के गाँव खरगोन, मध्य प्रदेश में प्याज को सड़ने से बचाने के लिये प्रशासन की ओर से आदेश दिया गया है कि सभी अधिकारी ५० -५० किलो प्याज खरीदें!
जवाब देंहटाएंअंधेरनगरी का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया आपने!!