अपनी ही धुन में वह चला जा रहा था
शम्मा बन के बस वह जला जा रहा था
छोटी सी दुनिया सितारों की बसे बस
ख्वाब इतना सा मन में पला जा रहा था
शीतल बन के वह तो बरफ़ सा रहा था
पा कर के तपिश वह गला जा रहा था
चंदा को इतना सा गुमाँ भी नहीं था
सूरज द्वारा वह तो छला जा रहा था
चंदा भला इतना मायूस क्यों है
आसमाँ को यह भी खला जा रहा था
चलते चलते जब वह निढाल हो गया
क्षितिज की आगोश में वह ढला जा रहा था
ऋता शेखर ‘मधु’
छोटी सी दुनिया सितारों की बसे बस
जवाब देंहटाएंख्वाब इतना सा मन में पला जा रहा था
बेहतरीन पंक्तियाँ
सादर
शुक्रिया यशवंत जी !!
हटाएंशुक्रिया रविकर सर...बहुत बहुत आभार !!
जवाब देंहटाएंछोटी सी दुनिया में, हम सितारों संग मस्त,
जवाब देंहटाएंचाँद मायूस होकर,क्षितिज में हो जाता अस्त,,,,,,,
बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
आभार !!
हटाएंचंदा को इतना सा गुमाँ भी नहीं था
जवाब देंहटाएंसूरज द्वारा वह तो छला जा रहा था
बहुत सुंदर ...
Thanks di !!
हटाएंबहुत खूब.... वाह!
जवाब देंहटाएंसादर।
आभार...
हटाएंसफर चाँद का कठिन है, फिर भी जाते लोग।
जवाब देंहटाएंइक दिन ऐसा आयेगा, बसें यहाँ पर लोग।।
आभार शास्त्री सर !!
हटाएंचंदा को इतना सा गुमाँ भी नहीं था
जवाब देंहटाएंसूरज द्वारा वह तो छला जा रहा था... गजब की पकड़
:))Thank U !!
हटाएंछोटी सी दुनिया सितारों की बसे बस
जवाब देंहटाएंख्वाब इतना सा मन में पला जा रहा था
वाह अनुपम भाव लिए बेहतरीन प्रस्तुति।
उत्साहवर्धन के लिए आभार सदा जी !!
हटाएंचर्चामंच-939 पर इस पोस्ट के लिए दी गई टिप्पणी---
जवाब देंहटाएंसुशीलJuly 13, 2012 9:23 AM
11.(11)
चाँद का सफ़र
ऋता शेखर मधु
मधुर गुंजन
चंदा आसमान सूरज
और उसकी धुन
बहुत कुछ समाया है
कविता में आ के सुन ।
Replies
रविकर फैजाबादीJuly 13, 2012 10:28 AM
अच्छी प्रस्तुति है सखे, बड़े अनोखे भाव ।
एक एक पंक्ति पढो, बढ़ता जाए चाव ।।
आभार सुशील सर एवं रविकर सर !!!
अच्छी प्रस्तुति मधु जी ..अच्छा लगा आपकी कविता पढ़कर
जवाब देंहटाएंशुक्रिया राधिका जी...ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है|
हटाएंचंदा को इतना सा गुमाँ भी नहीं था
जवाब देंहटाएंसूरज द्वारा वह तो छला जा रहा था
बहुत सुंदर ...बेहतरीन बिम्ब लेखर रची पंक्तियाँ
धन्यवाद मोनिका जी !!
हटाएंबहुत प्यारी और सुन्दर रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है जेन्नी जी !!
हटाएंशुक्रिया यशवंत जी...बहुत बहुत आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंसुंदर है चांद का सफर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शव्दों से सजी है आपकी गजल
जवाब देंहटाएंउम्दा पंक्तियाँ ..
http://madan-saxena.blogspot.in/
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चंदा को इतना सा गुमाँ भी नहीं था
जवाब देंहटाएंसूरज द्वारा वह तो छला जा रहा था
...बहुत सुन्दर...
wahhh...Bahut umda...
जवाब देंहटाएंhttp://ehsaasmere.blogspot.in/