स्वाधीनता दिवस
राष्ट्रनायकों का करें हम सब मिल अभिनंदन
लहरा के भारतध्वज गाएँ मिल कर जयमंगल
मैं जब भी स्वतंत्रता आंदोलन की कहानियाँ पढ़ती हूँ तो
लहरा के भारतध्वज गाएँ मिल कर जयमंगल
भारत माता का दिव्य मुख गर्व से है चमक रहा
पाए हैं सच्चे राष्ट्र सपूत मुक्ति दिवस है मन रहा
लाल किला भी गौरव से पुलकित हुआ जाता है
चौंसठ वर्षों से तिरंगा उसपर ही फहराया जाता है|
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मैं जब भी स्वतंत्रता आंदोलन की कहानियाँ पढ़ती हूँ तो
जिनकी कहानियाँ मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं
उन्हें मैंने चन्द पंक्तियों में उतारने की कोशिश की है|
उन्हें मैंने चन्द पंक्तियों में उतारने की कोशिश की है|
महारानी लक्ष्मीबाई
भारत भूमि को गौरवान्वित करने
आई थी एक वीरांगना
आई थी एक वीरांगना
जन्म ले धन्य किया मनु ने
मोरोपन्त-भागीरथी का अँगना
माता होती भविष्य निर्माता
भागीरथी ने यह सिद्ध किया
स्वदेश प्रेम की गहरी भावना
मनु के हृदय में भर दिया
तीरंदाजी घुड़सवारी ही
उसके प्रिय खेल थे
शस्त्र विद्या में निपुण थी
शास्त्र में भी बनी निपुण
‘मैं अपनी झाँसी अंग्रेजों को नहीं दूँगी’
लक्ष्मीबाई के इस एलान ने
ब्रिटिश शासन को हिला दिया
भारत के जन-जन मन-मन में
स्व का दीप झिलमिला गया|
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भगतसिंह
आज़ाद भारत की कहानी
लिखी जिसने देकर कुर्बानी
परतंत्रता की बेड़ी को तोड़
किया जनमानस को उद्वेलित
वह शूरवीर बलिदानी था
नाम था उसका भगतसिंह
साथ सुखदेव राजगुरु के
ब्रिटिश शासन को ललकार दिया
हँसते हँसते फाँसी का फंदा
गले में वरमाला सा डाल लिया
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चंद्रशेखर आजाद
थे वह भारत माँ के पुत्र स्वाभिमानी
व्यक्तित्व और प्रतिज्ञा के धनी
थे अपनी धुन के पक्के
उनकी निडरता ने किया
अंग्रेजों के दाँत खट्टे
देशभक्तों के हृदय सम्राट
रूप दिखाया अपना विराट
भारत की आजादी को
नाम अपना लिया ‘आजाद’
पिता का नाम ‘स्वतंत्रता’रखा
‘जेलखाना’ को बता दिया बसेरा
क्रांतिकारी उनके विचार थे
ले आए भारत में नया सवेरा
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सुभाष चन्द्र बोस
सुभाष बोस की कीर्ति-कौमुदी
सुरभित हो उठी दिग्दिगन्त
समग्र जीवन किया न्योछावर
झुकाया अंग्रेजों को जीवन पर्यन्त
जापान में, आजाद हिन्द फौज के
बन गए वह सेनापति
देख बोस की संगठन-शक्ति
विश्व की, दाँतों तले उँगली दबी
फौज को
चार भागों में किया विभाजित
नाम भी रखा प्रेरणार्थक
गाँधी-ब्रिगेड, नेहरू-ब्रिगेड
सुभाष-ब्रिगेड, आजाद-ब्रिगेड
महिलाओं की अलग फौज थी
नाम ‘झाँसी रानी रेजीमेन्ट’
बच्चों की भी टुकड़ी थी
धमाल मचाया जमकर
''तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा''
सुभाष के इस एलान से
देशभक्तों में जोश नया ही भर गया|
''तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा''
सुभाष के इस एलान से
देशभक्तों में जोश नया ही भर गया|
ऋता शेखर ‘मधु’
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सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
kya baat hai shandar prastuti .bahut khoob likha hai
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai
rachana
....वाह बेहतरीन !!!!
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं….!
जय हिंद जय भारत
..देशप्रेम से सजी सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना और सुन्दर संयोजन ॰ हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंआपकी प्रेरणापूर्ण अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार ही नहीं
जवाब देंहटाएंहृदय से नमन.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
वाह ! क़ाबिले-तारीफ़...। इन महान शहीदों को याद करने के लिए मेरी बधाई...।
जवाब देंहटाएंप्रियंका गुप्ता