१.
मेघ गरजा
टिप टिप बरसा
मन हरषा|
२.
पानी बरसा
सोंधी खुशबू उड़ी
धरती धुली|
३..
वन का मोर
घटाएँ घनघोर
भावविभोर|.
४.
घटा है आती
बिजली चमकाती
शोर मचाती|
५.
सह न सका
वाष्पकणों का बोझ
बरसा मेघ
६.
बहती धारा
सजाई बालकों ने
कागज़ी नाव|
७.
प्रथम बूँद
आम की डाल पर
क्यों भूले पेंगे|
८.
मेघों की कूची
आकाश केनवास
उकेरे चित्र|
९.
ऋतु सावन
शंकर सा पावन
हुलसा मन|
१०.
हरी चूड़ियाँ
खनकी कलाईयाँ
सावन आया|
११.
अम्बर धरा
बंधे एक सूत्र में
बरसात में|
बरसात में|
१२.
छतरी तनी
नभ धरा के बीच
नया आकाश|
१३..
बारिश आती
महावर रचाती
गोरी शर्माती|
१४.
भरे पोखर
मेढक टर टर
गूंजा शहर|
१५.
बारिश रुकी
पत्तों ने टपकाए
बूँद के मोती|
१६.
दूर क्षितिज़
सतरंगी चुनर
इन्द्रधनुष|
ऋता शेखर 'मधु'
बहुत सुंदर हाइकु में वर्षा .... अलग अलग रूप दिखे ---
जवाब देंहटाएंमेघ बरसा
शहर में कीचड़
जाम में फंसे ।
:):)
:-)
हटाएं:):)
हटाएंजाम में फँसे
सरकार को कोसें
खींसे निपोड़े|
बूंदों का परिधान
जवाब देंहटाएंछम छम बजती पायल
कितनी सुन्दर वर्षा ...
आपके शब्दों ने एक सुंदर हाइकु दे दियाः)
हटाएंसुन्दर वर्षा
बूँदों का परिधान
बजी पायल|
बहुत सुन्दर |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हायेकु ऋता जी.....
जवाब देंहटाएंबूंदों से बिखरे हैं.....
सस्नेह
अनु
बहुत ही बेहतरीन हाइकु है..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर :-)
वाह: ऋता ! तुम्हारे हाइकु ने तो भीगो दिया.
जवाब देंहटाएंहाइकू बरसा
मन तरसा
भीगे बिन बरसा ....
अपनी टिप्पणी हाइकु के रूप में देखें...
हटाएंमन तरसा
हाइकु जो बरसा
भिगो के गयाः)
वन का मोर
जवाब देंहटाएंघटाएँ घनघोर
भावविभोर|
बहुत सुन्दर हाइकु....
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (21-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत बहुत आभार शास्त्री सर !!
हटाएंबर्षा का सुन्दर सार्थक चित्रण ..
जवाब देंहटाएंहमारी तो अभी तक न छतरी निकल पायी है न बरसाती ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
हरी चूड़ियाँ
जवाब देंहटाएंखनकी कलाईयाँ
सावन आया|
अम्बर धरा
बंधे एक सूत्र में
बरसात में|
बहुत ही भावमय ...
छतरी तनी
जवाब देंहटाएंनभ धरा के बीच
नया आकाश|
बहुत खूब ...
ढेरों रूप दिखे
हाइकु में वर्षा रानी के
सादर !!
खूबसूरत.
जवाब देंहटाएंआशीष
--
इन लव विद.......डैथ!!!
बहुत सुंदर !!
जवाब देंहटाएंमन हर्षा
हाईकू की
देख कर वर्षा!!
हायकू में वर्षा का रूप अनोखा है. बहुत खूबसूरत.
जवाब देंहटाएंबधाई.
क्या खूब कहा आपने वहा वहा बहुत सुंदर !! क्या शब्द दिए है आपकी उम्दा प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना
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एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ