सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

ये हवाएँ...




पर्वतों और समुद्रों को लांघती
कितने ही धूल-कणों को समेटती
सागर की नमी सँभालती
ये पुरवा और पछुआ हवाएँ
कुछ कहने आती हैं
झंझोड़ देती हैं खिड़की दरवाजे
इन्हें बन्द करने में
कुछ थपेड़े चेहरे पर पड़ते हैं
फिर भी बन्द कर देते हैं खिड़कियाँ
किन्तु उन साँय सांय करती
हवाओं की आवाज
क्या चैन से बैठने देती है
थक कर शांत क्लांत हवा
या तो चुप हो जाती है
या दिशा बदल देती है
यह है हवा की बात
अब देखते हैं उन्हें
जिन्होंने दरवाजे बन्द किए
सन्नाटे को पाकर
झाँकती हुई आँखें
क्या आँधियों के अवशेष
धूल की परत फ़र्श पर नहीं देखती
नमी के छींटे से
खिड़कियों के परदे
क्या भीगे नहीं होते
अनकहा दर्द झलक ही जाता है|
परिवार में
किसी एक के जीवन में आई सुनांमी
सबको अस्त-व्यस्त कर देती है
यह अलग बात है
किसी से ममता मिलती है
किसी से सहानुभूति
कटाक्ष से भी बचना मुश्किल है
इसलिए प्रभु से जब भी माँगो
सबकी खुशियाँ माँगो
सब खुश रहेंगे
तभी हम भी खुश रहेंगे
सिर्फ अपना सुख कुछ नहीं होता
सबकी खुशी में ही
अपनी भी खुशी होती है|

ऋता शेखर मधु

विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!!

18 टिप्‍पणियां:

  1. सब खुश रहते है तभी चारो और खुशिया रहती है..
    नहीं तो किसी एक के दुःख से भी दुःख का माहौल बन जाता है..
    इसलिए सभी के लिए खुशिया मागनी चाहिए..
    सुन्दर भावपूर्ण रचना..
    शुभकामनाएँ...
    :-)

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  2. वसुधैव कुटुम्बकम की भावना ही श्रेष्ठ है जानो ... प्रार्थना में विश्व बंधुत्व की भावना रखो

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  3. लाख टके की बात और उद्दात मानवीय गुणों की अवधारणा करती है आत्मसात .:)

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  4. बिलकुल सच कहा .....
    प्यारी सी नसीहत....सर माथे...
    :-)
    सस्नेह
    अनु

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  5. आपकी पोस्ट बुधवार (24-10-2012) को चर्चा मंच पर । जरुर पधारें ।
    सूचनार्थ ।

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  6. नमी के छींटे से
    खिड़कियों के परदे
    क्या भीगे नहीं होते
    अनकहा दर्द झलक ही जाता है|
    परिवार में
    किसी एक के जीवन में आई सुनांमी
    सबको अस्त-व्यस्त कर देती है

    भीग गया मन

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  7. सिर्फ अपना सुख कुछ नहीं होता
    सबकी खुशी में ही
    अपनी भी खुशी होती है|..बहुत सही कहा ..बहुत प्यारी नसीहत..ऋता..शुभकामनाएं

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  8. बढ़िया विचार ...
    शुभकामनायें आपको !

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  9. उत्तर
    1. सम्भवतः प्रथम बार आना हुआ है,
      आपका हार्दिक स्वागत है मधु जी !!

      हटाएं
  10. विजयदशमी की बहुत बहुत शुभकामनाएं

    बढिया, बहुत सुंदर
    क्या बात

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  11. सिर्फ अपना सुख कुछ नहीं होता
    सबकी खुशी में ही
    अपनी भी खुशी होती है|

    बिल्कुल सही कहा।

    जवाब देंहटाएं
  12. .

    ஜ▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    ♥~*~विजयदशमी की हार्दिक बधाई~*~♥
    ஜ▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ


    सुंदर है कविता …

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  13. नमी के छींटे से
    खिड़कियों के परदे
    क्या भीगे नहीं होते
    अनकहा दर्द झलक ही जाता है|

    गहराई का दर्द है !!

    पोस्ट
    चार दिन ज़िन्दगी के .........
    बस यूँ ही चलते जाना है !!!

    जवाब देंहटाएं

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