विज्ञानी देवता
पितामही बोली-सुन पोते
कुछ तो धर्म किया करो
संग हमारे बैठकर
आरती गाया करो|
पितामही की बातें सुन
पोता दिया मुस्कुरा
चल दादी,तू शुरु कर
मैं अभी आया|
पितामही ने
आरती किया शुरु
भूल गई बीच में
चुप रही खड़ी|
अचानक मीठे स्वर में
आरती हुई शुरु
पितामही ने
खुश होकर लगाई
आशीर्वादों की झरी|
माता बोली, सुन पुत्र
कुछ तो काम किया करो
मेरी एक चिट्ठी है
पत्र-पेटी में जाकर डालो|
माता की बात सुन
पुत्र दिया मुस्कुरा
माते, ‘इमेल खाता’ खुलवाओ
अभी पोस्ट कर देता हूँ|
अर्द्धांगिनी बोली, सुन स्वामी
सीरियल खत्म हुआ नहीं
खाना मैंने बनाया नहीं|
अर्द्धांगिनी की बातें सुन
स्वामी दिया मुस्कुरा
प्रियतमे, तुम रसोई में जाओ
सीरियल नहीं छूटेगा
‘यू ट्यूब’ पर
मनपसंद एपीसोड दिखाऊँगा|
चाचा बोला, सुन भतीजे
मेरा काम कर आओ
अख़बार में ‘वधु चाहिए’ का
इश्तहार दे आओ|
चाचा की बातें सुन
भतीजा दिया मुस्कुरा
चाचू, अपनी पसंद बताओ
‘शादी डॉट कॉम’ पर जाओ|
पुत्री बोली, सुनो पापा
घर में मैं बोर हो गई
मुझे दोस्तों से मिलवाओ|
पुत्री की बातें सुन
पापा दिया मुस्कुरा
चलो पुत्री ‘फ़ेसबुक’ पर
तुम्हें दोस्तों से चैट कराऊँ|
मुनिया बोली, पापू पापू
कोई गेम लाकर दो न
मैं चाहती हूँ खेलना|
मुनिया की बातें सुन
पापू दिया मुस्कुरा
चल बिटिया, ‘गेम साइट’ पर
तरह-तरह के गेम खेलाऊँ|
बहना बोली, सुन भइया
रक्षाबंधन निकट आ रहा
अच्छी सी गिफ़्ट है लेना|
बहना की बातें सुन
भइया दिया मुस्कुरा
चल बहना, ‘शॉपिंग साइट’ पर
मनपसन्द गिफ़्ट ऑर्डर करवाऊँ|
पिता बोले, सुनो बेटे
मुझे प्राचीन भारत की
भाषा, लिपि है जानना
मुझे पुस्तकालय ले जाओ|
पिता की बातें सुन
बेटा दिया मुस्कुरा
चलिए पिता जी ‘विकिपिडिया’ पर
जो जी चाहे जानिए|
जीजा बोले, सुनो साले साहब
तुम्हारी बहन को घुमाना है
सारे टिकट कटाकर लाओ|
जीजा की बातें सुन
साला दिया मुस्कुरा
जीजू, दिन और जगह बताओ
‘ट्रैवल साइट’ पर अभी
इ-टिकट बुक कर देता हूँ|
पितामही ने दिनभर
देखा सारा तमाशा
अचंभित स्वर में पोते से पूछा,
तू तो कहीं नहीं गया
फिर सारे काम कैसे निपटाया|
सुबह सवेरे मीठे स्वर में
आरती किसने गाया|
अब पोता हँस दिया ठठाकर
चल दादी, मैं तुझे दिखाऊँ
यह छोटा प्यारा सा चौकोर
‘कम्प्यूटर’ है कहलाता|
नए युग का यह नया है देवता
‘विन्डोज़’ ‘लीनक्स’ की भाषा समझता
‘गूगल सर्च’ पर सब कुछ बताता
हर क्षेत्र का है यह ज्ञाता
घर बैठे सबकुछ निपटाता|
विज्ञान के इस अद्भुत तोहफे ने
दिया है बहुत आराम
इसके आने से अब
जीना हुआ बहुत आसान|
पितामही गई पूजागृह में
सामग्री सजा लाई थाल में
कम्प्यूटर को टीका लगाया
मिठाई बादाम का भोग चढ़ाया
बड़े भक्ति से धूप दिखाया
सुरीले स्वर में आरती गाया
‘जय विज्ञानी देवा
जय जय हे कम्प्यूटर देवा,
तू है बड़ा दयालु
तू सबकी सुनता,
तू सर्वधर्म देवा
तू सर्वज्ञान देवा
तू सर्ववय देवा
तू सर्वव्यापी देवा,
सर्वजन प्रश्नों से भरे
तू क्षण में उत्तर टरे
जय विज्ञानी देवा
जय जय हे कम्प्यूटर देवा|’
ऋता शेखर ‘मधु’
आधुनिकता की भेंट चढ़ गयी....मगर कंप्यूटर है बड़े काम का ...
जवाब देंहटाएंसब की इच्छा पूर्ण करदे वह निश्चय ही पूज्यनीय है...बहुत रोचक प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब मधु जी,..
जवाब देंहटाएंआपका कम्प्यूटर पुराण बहुत मन को भाया,रोचक पोस्ट,..
मेरे नये पोस्ट -प्रतिस्पर्धा- में इंतजार है,...
बड़ी लम्बी प्यारी रचना ...फिर भी कितनी प्रवाहमयी..... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंप्रवाह बांधे रखने में सक्षम है!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति!
badi sundar rachna
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंकम्पूटर की महिमा बखानती अच्छी रचना |
जवाब देंहटाएंबधाई |
आशा
सचमुच नए युग का यह नया देवता है..!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना !
आपकी इस रचना ने तो जैसे इस युग के दर्शन करवा दिए है .. बहुत ही सुन्दर कविता ..
जवाब देंहटाएंबधाई !!
आभार
विजय
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कृपया मेरी नयी कविता " कल,आज और कल " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/11/blog-post_30.html
जय हो कंप्यूटर देवा की ....बहुत सुन्दर,मनोरंजक कविता
जवाब देंहटाएं‘जय विज्ञानी देवा
जवाब देंहटाएंजय जय हे कम्प्यूटर देवा,... waah
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
जवाब देंहटाएंमधुर मधुर हास्य का संचार करती
कंप्यूटर का मुक्त भाव से गुणगान करती.
पर ईश्वर प्रदत्त बुद्धि से ही कंप्यूटर आविष्कृत हुआ.
वन्दनीय तो वही है जिसने बुद्धि दी और बुद्धि को
अन्वेषण करने की क्षमता प्रदान की.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
बहुत सुन्दर ढंग से आप ने कम्प्यूटर महाराज की विशेषताएं बतायीं ..सारी जानकारी मिली सब को ..सच है यदि इसका सदुपयोग किया जाए तो ये हमारे बड़े काम का है ..आइये बच्चों पर ध्यान रखें और प्यार से उन्हें इसकी सही ढंग से उपयोग की आदत डालें
जवाब देंहटाएंआभार
भ्रमर ५
बहुत बढ़िया लगा! सुन्दर प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
bahut khoob kamal bhai man gaye aapki soch ko sahi likha hai bahut bahut badhai
जवाब देंहटाएंrachana
बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
भाई आप के ये विज्ञानी देवता का मंदिर कहाँ है जरा बताओ तो, हम भी मत्था टेक आते हैं :)
जवाब देंहटाएंजय हो जय हो..
जवाब देंहटाएंइसी कम्प्यूटर देवता ने हमे आपसे मिलवाया।
http://urvija.parikalpnaa.com/2011/12/blog-post_06.html
जवाब देंहटाएंकम्पूटर जी की विश्श्ताओं को रोचक अंदाज़ में रखा है आपने ... जय हो ...
जवाब देंहटाएंतहे- दिल से आभारी हूँ-
जवाब देंहटाएंआप सब यहाँ पर आए और मेरा उत्साह बढ़ाया|
बहुत-बहुत शुक्रिया!
आप सबको मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ!
सादर
ऋता शेखर
एकदम मनमौजी अंदाज़ में कम्प्यूटर की महिमा ... वाह !
जवाब देंहटाएंjay computer deva...bahut mohak andaaz mein computer ki mahima ka bayan kiya hai, badhai.
जवाब देंहटाएंऋता शेखर 'मधु' जी,
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ही सुन्दर लिखा है|
कम्प्यूटर देवता की जय हो|